Rahul Gandhi Raebareli visit BJP रिएक्शन :राहुल गांधी की रायबरेली यात्रा से बीजेपी में हलचल, बढ़ी आपसी होड़

Rahul Gandhi Raebareli visit BJP reaction :- यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी को घेरने की पूरी कोशिश की। बीजेपी के अंदर इसे इस तरह देखा जा रहा है कि वह रायबरेली में अपनी ही पार्टी के नेताओं जैसे अदिति सिंह और मनोज पांडेय पर बढ़त बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का हाल ही में रायबरेली में हुआ दो दिवसीय दौरा पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया। वहीं, उनका यह दौरा रायबरेली में सत्ताधारी बीजेपी खेमे में भी हलचल पैदा करता दिखा।
10 सितंबर को जब राहुल गांधी लखनऊ से अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे, तो इसी दौरान यूपी सरकार में उद्यान मंत्री और बीजेपी एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस कथित कांग्रेस समर्थक की टिप्पणी के विरोध में था, जिसने बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश
दिनेश, जो कभी कांग्रेस में थे और रायबरेली से ही ताल्लुक रखते हैं, उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी दरभंगा की घटना के लिए माफी मांगें।(Rahul Gandhi Raebareli visit )
अगले दिन, 11 सितंबर को, रायबरेली जिले में विभिन्न सरकारी विकास योजनाओं की समीक्षा के लिए हुई ज़िला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) की बैठक में राहुल और दिनेश के बीच तीखी बहस हो गई। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी कर रहे थे, जिसमें रायबरेली के कई विधायक और ब्लॉक प्रमुख मौजूद थे। टकराव तब हुआ जब राहुल गांधी ने दिनेश से कहा कि किसी भी टिप्पणी से पहले उन्हें अध्यक्ष से अनुमति लेनी चाहिए।
हालांकि, रायबरेली (सदर) से बीजेपी विधायक अदिति सिंह ने DISHA बैठक में हुई इस गरमा-गरमी के दौरान चुप्पी साधे रखी। वहीं, ऊँचाहार से पूर्व सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय, जो अब बीजेपी से जुड़े हुए हैं, राहुल गांधी से दरभंगा मामले पर प्रतिक्रिया मांगने के बाद बैठक से बाहर चले गए। मनोज को सपा नेतृत्व ने जून में “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल होने के आरोप में निष्कासित कर दिया था।
दिनेश प्रताप सिंह के राहुल गांधी पर लगातार हमले को यूपी बीजेपी सर्कल्स में इस तरह देखा जा रहा है कि वह रायबरेली में अपनी ही पार्टी के अन्य नेताओं पर बढ़त बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिले के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “बीजेपी का कार्यकर्ता वही करेगा जो पार्टी नेतृत्व तय करेगा। हमें किसी तरह की होड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। कुछ नेता खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें भरोसा है कि नेतृत्व सब देख रहा है और समय आने पर उचित निर्णय लेगा।”
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, दिनेश प्रताप सिंह के संबंध अदिति सिंह और मनोज कुमार पांडेय से भी तनावपूर्ण रहे हैं, क्योंकि तीनों ही पार्टी के भीतर आपसी प्रतिस्पर्धा में फंसे हुए हैं और रायबरेली से बीजेपी का चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व कांग्रेस एमएलसी दिनेश ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी जॉइन की थी और सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़ा। हालांकि वे हार गए, लेकिन उन्होंने सोनिया की जीत का अंतर 2014 के 3.52 लाख से घटाकर 1.67 लाख कर दिया। 2024 में भी उन्होंने रायबरेली से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर राहुल गांधी को चुनौती दी, लेकिन इस बार वे 3.90 लाख वोटों से हार गए। इसके बाद, योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उन्हें मंत्री बनाया गया।
अदिति सिंह भी पूर्व कांग्रेस विधायक रही हैं और 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुईं। वह फिलहाल रायबरेली जिले से बीजेपी की एकमात्र विधायक हैं।
वहीं, मनोज कुमार पांडेय, जो पूर्व मंत्री और सपा के मुख्य सचेतक रह चुके हैं, फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में कथित “क्रॉस-वोटिंग” करने के कारण अखिलेश यादव से बगावत कर चुके थे। अब वे 2027 विधानसभा चुनाव बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और खुद को क्षेत्र का ब्राह्मण नेता प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
दिनेश के कदमों पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए अदिति सिंह ने कहा कि विकास कार्यों के लिए बनी DISHA जैसी बैठकों को राजनीति और विवादों से दूर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकों में सभी नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता के हित में विकास मुद्दों पर ही ध्यान देना चाहिए।
13 सितंबर को अदिति सिंह रायबरेली के दो अन्य बीजेपी नेताओं, जिनमें पूर्व विधायक धीरेंद्र सिंह भी शामिल थे, के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलीं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सीएम को DISHA बैठक में हुई पूरी घटनाओं की जानकारी भी दी।
राहुल गांधी के दौरे के बाद रायबरेली बीजेपी में मचे घमासान पर कांग्रेस खेमे ने तंज कसा। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, “इन घटनाओं ने बीजेपी और उसके नेताओं को नकारात्मक छवि में पेश किया है। दिलचस्प यह भी है कि वही मंत्री (दिनेश) जो पहले दिन राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगा रहे थे, अगले ही दिन DISHA बैठक में अपने बेटे का परिचय उन्हीं से करवा रहे थे।” यह टिप्पणी राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बेटे के साथ उनकी तस्वीर के संदर्भ में की गई।(BTrue News)
हालांकि दिनेश ने बाद में स्पष्ट किया कि राहुल गांधी ने न सिर्फ उनके बेटे पीयूष से मुलाकात की थी, बल्कि रायबरेली के अन्य ब्लॉक प्रमुखों से भी मिले थे।
बीजेपी सूत्रों का कहना है, “हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में होने वाले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार से यह साफ हो जाएगा कि रायबरेली में पार्टी के भीतर कोई नया पावर सेंटर उभरता है या फिर दिनेश ही अपनी पकड़ बनाए रखते हैं।”(By – The Indian Express)
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