भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-मद्रास) और नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) के शोधकर्ता इस रोगज़नक़ पर एक अध्ययन कर रहे हैं जिसके गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।

आईएसएस पर माइक्रोग्रैविटी स्थितियां बैक्टीरिया के व्यवहार और प्रतिरोध को प्रभावित कर सकती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर एक दवा-प्रतिरोधी ‘सुपरबग’ की खोज ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सहित परिक्रमा करने वाले दल के लिए चिंताजनक स्वास्थ्य चिंताएँ बढ़ा दी हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-मद्रास) और नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) के शोधकर्ता इस मल्टीड्रग-प्रतिरोधी रोगज़नक़ पर एक ‘महत्वपूर्ण अध्ययन’ कर रहे हैं। शोध ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ बढ़ा दी हैं।

एंटरोबैक्टर बुगेनडेंसिस के रूप में पहचाना जाने वाला यह हार्डी बैक्टीरियल स्ट्रेन रोगजनकों के एक वर्ग से संबंधित है जो कई रोगाणुरोधी दवाओं को अस्वीकार करने की क्षमता के लिए कुख्यात है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रोगज़नक़ का अध्ययन पृथ्वी पर इसी तरह के खतरों के प्रबंधन के लिए संभावित प्रभाव भी रखता है।

By Manoj

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