BRICS समिट में डेब्यू नहीं करेगा शी जिनपिंग: पीएम मोदी को स्टेट डिनर न्योता, चीन में खटकता राजनयिक संतुलन ,PM Modi state dinner BRICS Summit Xi Jinping absence

PM Modi state dinner BRICS Summit Xi Jinping absence

  • PM Modi state dinner BRICS Summit Xi Jinping absence :- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में होने वाले 17वें BRICS शिखर सम्मेलन (6–7 जुलाई 2025) में पहली बार व्यक्तिगत रूप से अनुपस्थित रहेंगे – एक ऐसा कदम जो उनके राष्ट्रपति पद में अब तक की सबसे बड़ी राजनयिक चूक माना जा रहा है। इस खबर की पुष्टि समाचार माध्यम South China Morning Post (SCMP) और अन्य रिपोर्ट्स ने की है en.wikipedia.org+12independent.co.uk+12economictimes.indiatimes.com+12bhaskarenglish.in+7swarajyamag.com+7rediff.com+7en.wikipedia.org+1economictimes.indiatimes.com+1economictimes.indiatimes.com

📅 पहली बार 12 साल में अनुपस्थिति PM Modi state dinner BRICS Summit Xi Jinping absence

शी जिनपिंग ने 2013 से अब तक हर ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लिया था—यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी वे वर्चुअल रूप से शामिल हुए थे । लेकिन इस बार वे अपने स्थान पर चीन के प्रधानमंत्री ली चियांग को भेजेंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले साल भारत में हुए G20 में भी किया था

आधिकारिक तौर पर चीन ने इसे “अन्य कार्यक्रम” (scheduling conflict) से जोड़ा है, लेकिन कई राजनयिक सूत्रों का मानना है कि इसका असली कारण कुछ और है economictimes.indiatimes.com


🇮🇳 प्रधानमंत्री मोदी के स्टेट डिनर न्योते का असर

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर का न्योता भेजा है। माना जा रहा है कि इस कदम से मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा और भारत का बढ़ता प्रभाव चीनी नेतृत्व को नागवार गुजरा होगा

दस्तावेजों और राजनयिक सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि चीन को चिंता है कि जहां मोदी को मुख्य आकर्षण बनाया जा रहा है, वहीं शी खुद एक “परदे के पीछे का नेता” दिखेंगे। ब्राजील के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा भी है कि “BRICS बिना चीन, BRICS नहीं है”


🇧🇷 ब्राजील की नाराजगी और राजनयिक तनाव

ब्राजील ने इस निर्णय को “राजनयिक अपमान” के रूप में देखा है। खासकर तब जब लूला ने मई में चीन दौरे के दौरान शांति के लहज़े अपनाए थे और उम्मीद जताई थी कि शी रियो में शामिल होंगे

ब्राजील की विदेश नीति सलाहकार सेल्सो अमोरिम ने फरवरी में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिलते समय सीधे कहा था:

“बीआरआईसी बिना चीन नहीं चलता।” the-independent.com+3m.economictimes.com+3bhaskarenglish.in+3

चीन ने अभी तक औपचारिक टिप्पणी से इस पहलू को टाला है, लेकिन राजनयिक स्तर पर नाराजगी स्पष्ट है।


🌍 वैश्विक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य

इस कदम को अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों द्वारा देखें तो यह चीन द्वारा ग्लोबल सत्ता संतुलन में अपना पुनर्संतुलन माना जा रहा है। चीन संभवतः Shanghai Cooperation Organisation (SCO) सम्मेलन पर ज़्यादा फोकस करना चाहता है, जिसे शी जल्द ही होस्ट करेंगे

वहीं चीन-भारत सीमा पर तनाव, जैसे गालवान सिलसिला (2020) और राजनयिक खिंचाव, अब भी कायम है। इस घटनाक्रम को विश्लेषक एक संकेत इसलिए भी मानते हैं कि दोनों देशों की स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंच पर और जटिल होती जा रही है


🔎 BRICS का विस्तार और आंतरिक चुनौतियाँ

बीआरआईसी समूह में अब एजिप्ट, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और UAE जैसे नए सदस्य शामिल हो चुके हैं, और अन्य दर्जनों साझेदार देशों को आमंत्रित किया गया है । विस्तार के इस दौर ने इसके भीतर रणनीतिक सामंजस्य बनाए रखने की कठिनाई भी बढ़ा दी है।

सेना और रणनीति के स्तर पर, चीन की इस बार की गैर-मौजूदगी एक संकेत है कि प्रधान सदस्यों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं, और यह समूह अब केवल एकीकृत आर्थिक मंच नहीं रहा।

  • क्या प्रधानमंत्री मोदी और शी को रियो में आमने-सामने मिलने का मौका मिलेगा? अगले बड़े मंच के रूप में SCO शिखर सम्मेलन की उम्मीद जताई जा रही है।

  • क्या चीन का यह कदम बीआरआईसी के भीतर वैचारिक विभाजन को बढ़ाएगा? ख़ास तौर पर जब भारत भौगोलिक और राजनीतिक राजनयिक प्रदर्शन से उभर रहा है।

  • ब्राजील और बाकी सदस्य देशों की प्रतिक्रिया किस स्तर तक देंगी, यह आने वाले दिनों में सामने आएगा।

  • Xi Jinping skipping BRICS Summit 2025

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By Manoj

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