पाकिस्तान शेयर बाजार में भारी गिरावट: भारत-पाक तनाव का असर

पाकिस्तान का शेयर बाजार, विशेष रूप से कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE), आजकल भारी उथल-पुथल का सामना कर रहा है। 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, और इसके बाद भारत द्वारा शुरू की गई सैन्य कार्रवाइयों, जैसे ऑपरेशन सिंदूर, ने पाकिस्तानी शेयर बाजार को गहरे संकट में डाल दिया है। KSE-100 इंडेक्स में 8 मई, 2025 को 7.2% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण एक घंटे के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। यह गिरावट कराची और लाहौर जैसे शहरों में भारतीय ड्रोनों को मार गिराने की खबरों के बाद और तेज हुई।
पिछले दो हफ्तों में KSE-100 इंडेक्स 13% से अधिक नीचे आ चुका है, जबकि KSE-30 इंडेक्स में भी लगभग 14% की कमी आई है। इस अवधि में बाजार ने लगभग 2.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 70,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान झेला है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, विदेशी पूंजी की निकासी और आर्थिक कमजोरियों ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया है। पहले, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बेलआउट पैकेज और क्रेडिट रेटिंग में सुधार ने बाजार में उम्मीद जगाई थी, लेकिन अब यह सब धूमिल पड़ गया है।
दूसरी ओर, भारतीय शेयर बाजार, जैसे सेंसेक्स और निफ्टी, ने इस तनाव के बावजूद मजबूती दिखाई है। गुरुवार को निफ्टी 24,273.80 पर बंद हुआ, जिसमें मामूली 0.58% की कमी थी। यह भारत की आर्थिक स्थिरता और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। पाकिस्तान में बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अगले कुछ दिन महत्वपूर्ण होंगे, खासकर IMF के फंडिंग विस्तार पर निर्णय को लेकर।
पाकिस्तान का शेयर बाजार इस समय अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे धैर्य रखें और भावनात्मक निर्णय लेने से बचें। भारत-पाक तनाव कम होने और आर्थिक स्थिरता के संकेत मिलने पर ही बाजार में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। तब तक, पाकिस्तानी शेयर बाजार पर दबाव बना रहेगा, और निवेशकों को सतर्क रहना होगा। (BTrue News)